सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी
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ICT इलेक्ट्रॉनिक्स सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का बृहद् परिचय

आज की डिजिटल युग में Electronics & Communication Technology (इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी ICT) वह आधार बन चुकी है जिस पर हमारी अर्थव्यवस्था, शिक्षा, स्वास्थ्य-सेवाएँ, औद्योगिक उत्पादन और जीवनशैली टिकी हुई है। भारत सरकार ने इस क्षेत्र को राष्ट्रीय महत्व का एंव रणनीतिक स्तम्भ माना है—इसलिए ‘मेक इन इंडिया’, ‘डिजिटल इंडिया’, ‘स्किल इंडिया’ जैसी योजनाएँ इसे आगे बढ़ा रही हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स यानी क्या?

इलेक्ट्रॉनिक्स का तात्पर्य उन उपकरणों और प्रणालियों से है जो विद्युत प्रवाह को नियंत्रित कर सूचना को प्रसारित या संसाधित करते हैं: जैसे स्मार्टफोन, टैबलेट, कंप्यूटर, सेंसर, पीसीबी (PCB) बोर्ड, सेमीकंडक्टर चिप्स, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स आदि।

सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) का दायरा

ICT यानी Information & Communication Technology में सूचना को संग्रहित, प्रसारित, विश्लेषित और उपयोगकर्ताओं तक पहुँचाने की तकनीकें– जैसे इंटरनेट, क्लाउड कंप्यूटिंग, मोबाइल नेटवर्क (4G/5G), डेटा सेन्टर, साइबर-सुरक्षा, IoT – शामिल हैं। (Best Home Tutors in Bhopal)

‘क्यों यह आज इतना महत्वपूर्ण है?ICT

  • ICT क्षेत्र आज भारत के GDP में 13 प्रतिशत से अधिक योगदान दे रहा है।
  • इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन एवं निर्यात में तेजी: उदाहरण के लिए अप्रैल-मई 2025 में भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात में लगभग 47% की वृद्धि हुई।
  • सरकार द्वारा बनाए जा रहे योजना-विनियोजन (PLI स्कीम, ECMS) ने इस क्षेत्र को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया है।

भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं ICT का वर्तमान परिदृश्य

उत्पादन बढ़ोतरी और निर्यात

भारत ने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन को तेज गति से बढ़ाया है। स्मार्टफ़ोन, टैबलेट, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स प्रमुख श्रेणियाँ हैं। अप्रैल-मई 2025 में निर्यात में 47 % की वृद्धि हुई।

निर्माण (Manufacturing) का नया दौर

सरकार ने 2025 में इलेक्ट्रॉनिक्स कम्‍पोंनेंट्स मेन्युफैक्चरिंग स्कीम (ECMS) जारी की है, जिसमें अगले छह वर्षों में एक लाख से अधिक प्रत्यक्ष नौकरियाँ सृजित करने की लक्ष्य है।

ICT क्षेत्र में नए ट्रेंड्स

  • 5G, क्लाउड, डेटा सेंटर, साइबर सुरक्षा, AI-ड्रिवन प्लेटफॉर्म प्रमुख हैं।
  • हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का संयोजन: अब सिर्फ सॉफ्टवेयर नहीं, हार्डवेयर को भी ‘इंडिया’ में बनाने पर जोर है।

शिक्षा-कौशल एवं संस्थाएँ

National Institute of Electronics & Information Technology (NIELIT) जैसे संस्थानों द्वारा औपचारिक और अनौपचारिक पाठ्यक्रम चलाए जा रहे हैं, ताकि इलेक्ट्रॉनिक्स, आईओटी, ब्लॉकचेन, क्लाउड कंप्यूटिंग आदि में मानव संसाधन तैयार हो सके।

प्रमुख विषय-वर्ग एवं उनका महत्व

उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स

टेलीविजन, स्मार्टफोन, लैपटॉप, गेमिंग कंसोल आदि। इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है, जिससे निर्माण और निर्यात के अवसर मिल रहे हैं।

औद्योगिक एवं ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स

EVs (इलेक्ट्रिक वाहन), ऑटोमेशन, रोबोटिक्स, सेंसर आधारित उपकरण। इलेक्ट्रॉनिक्स की मांग बढ़ने से पूरा उद्योग प्रभावित हो रहा है।

सूचना एवं संचार नेटवर्क

5G, IoT, स्मार्ट सिटी, ई-गवर्नेंस, दूरसंचार नेटवर्क—ये ICT क्षेत्र के मुख्य हिस्से हैं। उदाहरण के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI)-डेटा सेंटर की मांग बढ़ रही है।

सेमीकंडक्टर तथा कम्पोनेन्ट मैन्युफैक्चरिंग

भारत में घटकों (components) के निर्माण की दिशा में तेजी है (PCB, कैमरा मॉड्यूल, चिप्स)।


भारत के लिए अवसर एवं चुनौतियाँ

अवसर

  • वैश्विक कंपनियों का “चाइना + 1” रणनीति: भारत को वैकल्पिक उत्पादन केंद्र के रूप में देखा जा रहा है।
  • उच्च तकनीक नौकरियों में वृद्धि—हार्डवेयर डिजाइन, AI, डेटा विज्ञान, नेटवर्किंग।
  • सरकार की योजनाएँ: PLI, ECMS, मेक-इन-इंडिया पॉलिसी आदि।

चुनौतियाँ

  • घटकों का आयात अभी भी निर्भय: भारत में अभी तक बहुत सी महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक्स कम्पोनेन्ट्स आयातित हैं।
  • मानव संसाधन की गुणवत्ता एवं मात्रा दोनों में सुधार की जरूरत।
  • बुनियादी ढांचे (इन्फ्रास्ट्रक्चर) एवं लॉजिस्टिक्स में चुनौतियाँ।
  • साइबर सुरक्षा एवं डेटा गोपनीयता: जैसे जैसे नेटवर्क विस्तृत हो रहे हैं, खतरे भी बढ़ रहे हैं।

भविष्य की दिशा – अगला 5 वर्ष

1. IoT और स्मार्ट डिवाइस का उदय

“इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स (IoT)” से जुड़े उपकरणों की संख्या तेजी से बढ़ेगी—स्मार्ट होम, स्मार्ट कृषि, स्मार्ट स्वास्थ्य।

2. हार्डवेयर-सॉफ्टवेयर एकीकरण

भारत में अब सिर्फ असेंबली नहीं बल्कि डिजाइन, विकास, निर्माण—पूरा चक्र विकसित हो रहा है।

3. 5G/6G और संचार थोप

क्रांतिकारी संचार नेटवर्क्स (5G/6G) से संवाद-साधनों की क्षमता बढ़ेगी और नए अनुप्रयोग (applications) सामने आएँगे।

4. AI, क्लाउड, डेटा एनालिटिक्स विस्तार

डेटा-केंद्र, क्लाउड सेवाएँ, AI आधारित समाधान इलेक्ट्रॉनिक्स-ICT को नए आयाम देंगे। (

5. आत्मनिर्भरता एवं निर्यात-विस्तार

भारत आने वाले समय में इन क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनने की ओर अग्रसर है एवं निर्यात को बढ़ावा देगा। (

कैसे बने इस क्षेत्र में करियर या व्यवसाय?

व्यवसाय शुरू करना

– अगर आप माइक्रो/मिनी इलेक्ट्रॉनिक्स असेंबली या IoT डिवाइस बना सकते हैं, तो बेहतर अवसर हैं।
– ICT सेवाओं (जैसे क्लाउड, नेटवर्किंग, साइबर सुरक्षा) में व्यवसाय की संभावनाएँ तेज हैं।

करियर विकल्प

– इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन (ECE) प्रमुख शाखाएँ हैं।
– डेटा साइंस, AI, क्लाउड आर्किटेक्चर, नेटवर्क इंजीनियरिंग—ये ICT के प्रमुख क्षेत्र हैं।

कौशल विकास

– हार्डवेयर डिजाइन, एम्बेडेड सिस्टम्स, PCB डिजाइन, IoT प्रोग्रामिंग
– नेटवर्किंग, 5G/6G, साइबर सुरक्षा, डेटा एनालिटिक्स
– सरकारी प्रशिक्षण संस्थाएँ जैसे NIELIT इन क्षेत्रों में कोर्स उपलब्ध कराती हैं।

निष्कर्ष

इलेक्ट्रॉनिक्स, सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (ICT) आज सिर्फ एक तकनीकी विषय नहीं, बल्कि भारत के आर्थिक-सामाजिक उत्थान का अभिन्न हिस्सा बन चुकी है। स्मार्टफोन से ले कर स्मार्ट सिटी तक, IoT से ले कर AI-ड्रिवन डिवाइस तक—हर चीज इस क्षेत्र से जुड़ी है।
यदि हम चुनौतियों से निपटकर अपनी क्षमता का उपयोग करें, तो भारत वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स-ICT हब बनने की दिशा में आत्मविश्वास के साथ अग्रसर है। आपके लिए ये समय है—करियर हो या व्यवसाय—इस क्षेत्र में कदम रखने का।
अब केवल देखना है कि हम इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनते हैं या बस देखने वाले बने रहते हैं।

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